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Showing posts from January, 2020

सम्पत्ति पर कब्जा करने वाला नही हो सकता असली मालिक

Being Broker Realty Desk | रोनक रस्तोगी नमस्कार , आज हम आपसे एक ऐसे महत्वपूर्ण विषय पर चर्चा करेंगे जोकि कब्जा करने जैसे संवेदनशील मुद्दे पर प्रकाश डालेगा, उच्चतम न्यायालय ने एक फैसले में यह व्यवस्था दी है जोकि दर्शाती है कि यदि कोई व्यक्ति किसी सम्पत्ति पर अस्थायी कब्जा कर लेता है तो टाइटल धारीभू स्वामी बलपूर्वक भी कब्जा हटवा सकता है, बेशक उसे कब्जा किये १२ वर्ष से अधिक समय हो गया हो, शीर्ष कोर्ट ने कहा कि ऐसे कब्जेदार को हटाने के लिए कोर्ट की कार्यवाही की जरूरत भी नहीं है। कोर्ट कार्यवाही की जरूरत तभी पड़ती है जब बिना टाइटल वाले कब्जेधारी के पास संपत्ति पर प्रभावी/ सेटल्ड कब्जा हो जो उसे इस कब्जे की इस तरह से सुरक्षा करने का अधिकार देता है जैसे कि वह सचमुच मालिक हो। जस्टिस एनवी रमणा और एमएम शांतनागौडर की पीठ ने फैसले में कहा कि कोई व्यक्ति जब कब्जे की बात करता है तो उसे संपत्ति पर कब्जा टाइटल दिखाना होगा और सिद्ध करना होगा कि उसका संपत्ति पर प्रभावी कब्जा है। लेकिन अस्थायी कब्जा (कभी छोड़ देना कभी कब्जा कर लेना या दूर से अपने कब्जे में रखना) ऐसे व्यक्ति को वास्तविक मालिक के खिलाफ अधि

Unitech Unihomes Noida - Allocation retained by SC

सुप्रीम कोर्ट ने यूनिटेक यूनिहोम्स का आवंटन किया बहाल. नोएडा प्राधिकरण का आदेश निरस्त मुनेन्द्र शर्मा | editor@beingbroker.com नमस्ते. बींइग ब्रोकर रियलिटी डेस्क की ओर से आपको शुभकामनाएं. यूनिटेक यूनिहोम्स के क्रेताओं के लिए शुभ सूचना है, नोएडा प्राधिकरण से आवंटन निरस्त संबंधित आदेश को  उच्चतम न्यायालय ने पलट दिया है और खरीददारों के अपना घर के स्वप्नों की संभावनाओं को बनाए रखा हैं, कुछ माह पहले नोएडा प्राधिकरण ने बकाया नहीं चुकाने और बिना नक्शा पास कराए निर्माण कराने का आरोप लगा सेक्टर-113 का प्लॉट आवंटन निरस्त कर दिया था। इसके बाद खरीदार सुप्रीम कोर्ट चले गए थे। सोमवार को कोर्ट ने प्राधिकरण के आवंटन निरस्तीकरण आदेश को निरस्त कर दिया। कोर्ट के इस फैसले से यूनिटेक के खरीदार खुश हैं। प्रोजेक्ट का जमीन आवंटन निरस्त करने से 1,629 खरीदारों का भविष्य अधर में लटक गया था। हाल ही में केंद्र सरकार की ओर से सभी प्रोजेक्टों के टेकओवर के फैसले से खरीदार परेशान थे। वजह यह थी कि प्रोजेक्ट का आवंटन ही निरस्त कर दिया गया था। लेकिन अब कोर्ट के फैसले से इस प्रोजेक्ट के खरीदार भी केंद्र सरकार के टेकओवर व