सम्पत्ति पर कब्जा करने वाला नही हो सकता असली मालिक
Being Broker Realty Desk | रोनक रस्तोगी नमस्कार , आज हम आपसे एक ऐसे महत्वपूर्ण विषय पर चर्चा करेंगे जोकि कब्जा करने जैसे संवेदनशील मुद्दे पर प्रकाश डालेगा, उच्चतम न्यायालय ने एक फैसले में यह व्यवस्था दी है जोकि दर्शाती है कि यदि कोई व्यक्ति किसी सम्पत्ति पर अस्थायी कब्जा कर लेता है तो टाइटल धारीभू स्वामी बलपूर्वक भी कब्जा हटवा सकता है, बेशक उसे कब्जा किये १२ वर्ष से अधिक समय हो गया हो, शीर्ष कोर्ट ने कहा कि ऐसे कब्जेदार को हटाने के लिए कोर्ट की कार्यवाही की जरूरत भी नहीं है। कोर्ट कार्यवाही की जरूरत तभी पड़ती है जब बिना टाइटल वाले कब्जेधारी के पास संपत्ति पर प्रभावी/ सेटल्ड कब्जा हो जो उसे इस कब्जे की इस तरह से सुरक्षा करने का अधिकार देता है जैसे कि वह सचमुच मालिक हो। जस्टिस एनवी रमणा और एमएम शांतनागौडर की पीठ ने फैसले में कहा कि कोई व्यक्ति जब कब्जे की बात करता है तो उसे संपत्ति पर कब्जा टाइटल दिखाना होगा और सिद्ध करना होगा कि उसका संपत्ति पर प्रभावी कब्जा है। लेकिन अस्थायी कब्जा (कभी छोड़ देना कभी कब्जा कर लेना या दूर से अपने कब्जे में रखना) ऐसे व्यक्ति को वास्तविक मालिक के खिलाफ अधि