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Hurry Book Your Industrial plots in Yamuna /MSME/ YEIDA Plot SCHEME CODE:- YEA/IND4000(2023)– 12

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  नमस्कार ,  बीइंग ब्रोकर की ओर से आप सभी को दीपावली की हार्दिक शुभकामनायें,   यमुना एक्सप्रेसवे प्राधिकरण की नई इंडस्ट्रीज प्लाट्स स्कीम की अंतिम तिथि २७ अक्टूबर २०२३ है , पहली बार MSME के लिए UP सरकार ने इस योजना में प्लाट्स अलॉटेड किये हैं, आईये जानते है कि कैसे इस योजना के लिए नामांकन करें। सबसे पहले तो आपको इस योजना में किस श्रेणी में और कौन कौन नामांकन कर सकता है समझें।। एकल स्वामी फर्म  (Proprietorship Firm), रजिस्टर्ड पार्टनरशिप फर्म (Registered Partnership Firm),पंजीकृत ट्रस्ट (Registered Trust), पंजीकृत कमेटी (Registered Society), प्राइवेट लिमिटेड कम्पनी (Private Limited Company),पब्लिक लिमिटेड कम्पनी (Public Limited Company),सार्वजानिक छेत्र कम्पनी  (Public Sector अंडरटेकिंग), MSME  स्कीम ब्रोचर :  निशुल्क  डिटेल्स : https://www.yamunaexpresswayauthority.com/web/wp-content/uploads/2023/10/Scheme-Code-12.pdf

12 साल काबिज रहा तो किरायेदार बन जायेगा भवन / भूमि का स्वामी - उच्चतम न्यायालय

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  मुनेन्द्र शर्मा | बीइंग ब्रोकर  (www.beingbroker.com) नोएडा उच्चतम न्यायालय के एक निर्णय के अनुसार यदि कोई किरायेदार 12 वर्ष तक काबिज रहता है तो उस भूमि या मकान पर किरायेदार का ही कब्जा माना जायेगा।। ऐसे में प्रोपर्टी एजेंसी की भूमिका महत्वपूर्ण मानी जा सकती है, नये प्रस्तावित रियल इस्टेट बिल में एजेंट को एजेंसी के तौर पंजिकृत कराना अनिवार्य होगा।। अब चलते हैं मुख्य बिंदु पर  सीमा अधिनियम (लिमिटेशम एक्ट 1963), के तहत प्राइवेट ज़मीन पर यह सीमा 12 साल की है जबकि सार्वजनिक ज़मीन पर 30 सालों की।। अरुण मिश्रा, एस अब्दुल नज़ीर और एमआर शाह की बेंच ने विस्तार से समझाते हुए कहा कि क़ानून 12 सालों तक किसी मालिक को अपने प्रॉपर्टी पर हक़ जताने का अधिकार देता है. यानी कि अगर किसी ज़मीन को लेकर विवाद है तो 12 सालों के दौरान केस फ़ाइल कर उसे वापस पाया जा सकता है।। बेंच ने कहा, ‘अगर कोई व्यक्ति 12 सालों तक किसी प्रॉपर्टी पर रह रहा है तो उसे क़ानून बेदख़ल नहीं किया जा सकता. इतना ही नहीं 12 साल पूरा हो जाने के बाद संपत्ति के पहले मालिक के पास भी उसे हटाने का अधिकार नहीं रह जाता है और वर्तमान में रह रह

"One Leaf Troy" पर यूपीरेरा की कार्यवाही।। खाते सीज

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Beingbroker.Com | Noida - Munendra Sharma  नोएडा एक्सटेंशन के सेक्टर 10 में अलोटिड वन लीफ ट्रोय रियल्टी प्रोजेक्ट पर यूपीरेरा ने की कार्यवाही।।  यूपी रेरा द्वारा प्रोजेक्ट में अनियमितता को देखते हुए कंपनी के निदेशक मुनाफ पटेल के 2 बैंक खाते सीज भी कर दिए हैं, इन खातों में लगभग 50 लाख रुपये की धनराशि बताई गयी है,  आपको बतादें कि वन लीफ ट्रोय के कंस्ट्रक्शन का काम निवास प्रमोटर्स प्राइवेट लिमिटेड द्वारा किया जा रहा है, ये प्रोजेक्ट 2017 में बनना हुआ आरम्भ हुआ था और 2022 में इसका पजिसन मिलना तय किया गया था.  ये प्रोजेक्ट लगभग 3 एकर में है और मुनाफ पटेल इसके निदेशक मंडल में भी हैं। 

Noida : पहली बार कोर्ट के खास आर्डर से 17 सौ खरीदारों को RG होम्स में मिलेगा घर

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  नोएडा.   ऐसा दावा किया जा रहा है कि दिल्ली-एनसीआर में पहली बार कोर्ट ने फ्लैट खरीदारों के हक में “रिवर्स इनसॉल्वेंसी ऑर्डर” दिया है. यह आर्डर आरजी लग्जरी होम्स के फ्लैट खरीदारों के हक में आया है. प्रोजेक्ट से जुड़े करीब 1700 फ्लैट खरीदारों को अब उनका घर मिलने का सपना पूरा हो गया है. पहले फेज में 800 खरीदारों को फ्लैट की चाबी सौंप दी गई है. आरजी ग्रुप का दावा है कि आने वाले तीन महीने में बाकी के 900 खरीदारों को घर की चाबी दे दी जाएगी. किन्ही कारणों से प्रोजेक्ट रुक गया था. उसके बाद साल 2019 में यह प्रोजेक्ट एनसीएलटी में चला गया था. एनसीएलटी में केस जाने के बाद दो साल तक आरजी लग्जरी होम्स प्रोजेक्ट का काम बंद रहा था. जिसके बाद खरीदार कोर्ट चले गए थे. प्रोजेक्ट की निगरानी के लिए आईआरपी नियुक्त किया गया था. इसी के बाद आरजी ग्रुप ने बैंकिंग एक्सपर्ट और फ्लैट खरीदारों को भरोसे में लेते हुए जुलाई 2021 से प्रोजेक्ट का काम एक बार फिर से शुरू करा दिया. रियल स्टेट एक्सपर्ट का दावा है कि यह पहला मौका है जब दिल्ली-एनसीआर से जुड़े किसी प्रोजेक्ट के मामले में कोर्ट ने रिवर्स इनसॉल्वेंसी ऑर्डर जारी

Noida : अवैध फार्म हाउसों पर क्यु चल रहा है बुलडोजर : ब्यूटी फार्म हाउसों में क्यू फंसे हजारों लोगों के करोड़ों रुपये

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 बींइग ब्रोकर विशेष रिपोर्ट | रोहित भट्ट विशेष संवाददाता  नोएडा के समीपवर्ती क्षेत्रों में यमुना नदी और हिंडन नदी के संरक्षित डूब क्षेत्रों में कुक्करमुत्तों की भांति उग आये हजारों फार्महाउसों पर नोएडा प्राधिकरण का बुलडोजर पूरी गति से चल रहा है,  रिहाइश के लिए प्रतिबंधित इस डूब क्षेत्र में बहुत बड़ी संख्या में बने आलीशान फार्म हाउसों को देखकर एक बार भी ऐसा नही लगता है कि ये फार्म हाउस अवैध रूप से बनाये गये थे और ना ही पिछले 10 वर्षों से नोएडा प्राधिकरण के बुलडोजर ने इनकी ओर रुख किया तथापि यह गौर करने वाली बात है कि पिछले १० वर्षों में इतनी बड़ी संख्या में बनें इन अवैध फार्म हाउसों पर ध्वस्तीकरण की कार्रवाई नही हुई?  क्या नोएडा के वह अधिकारी जिन्हे नोएडा के चप्पे-चप्पे की जानकारी रहती है, उन्हे इन ग्रीन ब्यूटी कहे जाने वाले फार्म हाउसों की जानकारी नही हो पायी? उल्लेखनीय बात यह भी है कि इस दौरान इन फार्म हाउसों की रजिस्ट्री भी होती रही.  डूब क्षेत्र में फार्म हाउस को तोड़ता हुआ बुलडोजर  दिल्ली में बने फार्म हाउसों की तर्ज पर डूब क्षेत्र के इस प्रतिबंधित इलाके में फार्म हाउसों का मकड़जाल

Noida : फ्राड का नया तरीका : किरायेदार बनकर ठग कर सकते हैं खाता खाली

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 फ्लैट स्वामी ने नामी वेवसाइट पर दिया था फ्लैट ओन रेंट का विज्ञापन  सैन्य अधिकारी बनकर किराये पर फ्लैट लेने के नाम पर  97 हजार की ठगी    नई दिल्ली | बींइग ब्रोकर रियलिटी डेस्क | विशेष रिपोर्ट  नोएडा निवासी फ्लैट स्वामी से 97000 की ठगी का मामला . नोएडा के सेक्टर 31 में रहने वाले शर्मा ने कुछ समय पहले ही एक प्रोपर्टी वेवसाइट पर अपने चंडीगढ़ वाले फ्लैट का विज्ञापन दिया था, विज्ञापन में फ्लैट की फोटो, किराया और सम्पर्क जानकारी पोर्टल पर अपलोड की, सायवर ठगों ने वेवसाइट से नंबर लेकर शर्मा को फोन किया, ठग द्वारा स्वयं को सैन्य बलों से संबंधित दिखाते हुए ट्रांसफर की बात कही गयी और फ्लैट बुक करने की बात कहकर मिस्टर शर्मा से उनके खाते की जानकारी मांगी जिसे सहर्ष मानते हुए जानकारी व्हाट्सएप कर दी गयी, उसके बाद कुछ तकनीकी समस्या बताकर दूसरे खाते की जानकारी मांगी गयी और कुछ पैसे डालने के लिए कहा गया, उसके बाद ठगों द्वारा उनके खाते से तीन किस्तों में 97000 रुपये  निकाल लिये गये. जिसकी शिकायत मिस्टर शर्मा ने सायवर सेल में की.  यह भी पढ़ें - प्रोपर्टी पॉर्टलों पर प्रीमियम एड लेना क्यु है मजबूरी  प्रोप

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